टैरिफ, एक ऐसा टैक्स जो सरहद पार करते ही विदेशी सामान पर गिरता है—उसे कहते हैं टैरिफ! ये कोई मामूली टैक्स नहीं, बल्कि देशों के बीच आर्थिक जंग का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है। जब कोई विदेशी उत्पाद भारत में कदम रखता है, तो सरकार उस पर टैक्स लगा देती है। ये टैक्स कैसे लिया जाता है? तो बता दें कि यह टेक्स दो स्टाइल में लागू किया गया है।
1 – एड-वैलोरम टैरिफ: जैसे कोई बूट की कीमत ₹1,000 हो और 10% टैक्स हो, तो ₹100 का टैक्स—सीधा सीधा प्रतिशत के हिसाब से।
2- स्पेसिफिक टैरिफ: तय रकम, जैसे 50 रुपये प्रति किलो। एकदम सिंपल और स्ट्रेट!
देश की सरकार बना देती है विदेशी माल को मंहगा
अगर कोई चीज़ विदेशी बाजार से सस्ती आती है, तो लोग उसे धड़ल्ले से खरीदेंगे ना? लेकिन हर देश की सरकार ऐसा नहीं चाहती। तो वो उस पर टैरिफ लगा देती है। इससे विदेश के बाजार से आने वाला माल महंगा लगे और देशी माल बिके! जिसे देश की सरकारे प्रोटेक्शनिज्म—देश की कंपनियों को बचाने की कवायद कहती है। पर इसका फायदा सिर्फ कंपनियों को नहीं होते—सरकार की जेब भी भरती है! खासतौर पर उन देशों में जहाँ टैक्स वसूली के ज़्यादा रास्ते नहीं हैं।
टैरिफ पर अमेरिका ने तानी आंखे
अगर कोई देश अमेरिका पर टैरिफ लगाए, तो अमेरिका भी पीछे नहीं रहता। अमेरिका ने चीन के भारी भरकम टैरिफ पर जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ ठोक देता है। और यहीं से शुरू होती है टैरिफ वॉर की असली लड़ाई।
टैरिफ रैंकिंग वॉर: किस देश ने सबसे ज़्यादा टैरिफ ठोका
टैरिफ वॉर में अमेरिका पर सबसे ज्यादा टैरिफ चीन ने लगा रखा है जिस पर जवाब में अमेरिका ने भी चीन पर भारी-भरकम टेक्स लगा दिया है। या हम दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते है कि चीन ने अमेरिका को आंखे दिखाने की कोशीश की तो अमेरिका के राष्ट्रपति ने पूरे यूरोपिय संघ के देशों में अपने फैसल से हलचल मचा दी। आइए जानते है किसने अमेरिका पर लगा रखा है सबसे ज्यादा टैरिफ
चीन – 54%
कंबोडिया – 49%
लाओस – 48%
वियतनाम – 46%
…
भारत – 27%
…
सिंगापुर – 10%
भारत का टैरिफ रेट अमेरिका से ज़्यादा क्यों है? क्योंकि भारत की नीति है – “अपने बनाओ, अपने बेचो!” घरेलू उद्योग को बचाने के लिए भारत बाहर के सामान पर मोटा टैक्स लगाता है। इस पर अमेरिका कहता है, “अगर तुम हमारे माल पर टैक्स लगाओगे, तो हम भी तुम्हारे माल को नहीं बख्शेंगे!” खासकर ट्रंप साहब तो साफ कह चुके हैं—”टैरिफ का जवाब टैरिफ से मिलेगा!”
तो नुकसान किसका होगा?
सीधा नुकसान भारत को। अमेरिका भारत से दवाइयां, कपड़े, स्टील जैसी चीज़ें लेता है। अगर उन पर भी भारी टैक्स लग गया, तो अमेरिकियों को इंडिया का सामान महंगा लगेगा। नतीजा? भारतीय कंपनियों की सेल गिरेगी, और उनके मुनाफे पर आफत आएगी।
अब नया ड्रामा: ट्रंप की उलट चाल!
हाल ही में ट्रंप ने बड़ा धमाका किया—भारत समेत 75 देशों पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिन के लिए रोक दिया! यानी जुलाई तक इन देशों को सिर्फ 10% का बेसिक टैरिफ देना होगा।
चीन को अमेरिका ने दी है तगड़ी टक्कर
लेकिन चीन पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने सबसे तगड़ा पलटवार कर दिया है। अमेरिका ने चीन पर 125% का टैरिफ! लगा दिया है
क्योंकि चीन ने टैरिफ का जवाब टैरिफ से दिया था। वहीं अमेरिकी मीडिया के सवाल पर ट्रंप बोले, “जो शांत हैं, उन्हें इनाम मिलेगा। जो अकड़ दिखाएंगे, उन्हें भुगतना पड़ेगा!
यूरोपीय सस्पेंस: मेलोनी की ट्रंप से मुलाकात!
इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी अमेरिका पहुंचीं—ट्रंप से मिलने वाली पहली यूरोपीय नेता! ट्रंप ने EU के टैरिफ पर 20% का भारी टैक्स लगाया था, लेकिन अब उसे 90 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। यहीं मेलोनी बोलीं, “हम मिलकर पश्चिम को फिर से महान बनाएंगे!” तो तैयार हो जाइए अब अगले 90 दिन में ये टैरिफ वॉर और बड़ा मोड़ ले सकता है। कौन झुकेगा? कौन टिकेगा? और किसका व्यापार डूबेगा या उड़ेगा?